जी हां अब जब चुनाव सर पर है तो जिनके दर्शन ही मुश्किल से होते थे आज हर एक को अपना भाई बनाये फ़िर रहे है। गली गली घूम कर सभाएं कर भाईचारा बढाया जा रहा है। चुनाव समाप्त हुए नही की उनके दर्शन दुर्लभ हों जायेंगे। और यदि किसी कार्यवश आपको उनसे मिलना हों तो ....बहुत मुश्किल! आज हर चौराहे पर जन सभाएं हों रही है। पार्टी के नेता और कत्याकर्ता अपनी अपनी पार्टी के गुणगान करने और दूसरी पार्टियों की बुराईयाँ गिनाये जा रहे है। जिस भी तरह हों बस चुनाव तो जीतना है। भले ही चाहे जितने दुष्कर्म किए हों पर आज कितने भोले बन कर हाथ जोड़े मुस्कुराते हुए वोट की भीख मांगते सड़क पर घूम रहे है। सचाई तो ये है की कोई भी पाक दामन नही है। हर एक नेता किसी न किसी रूप मे अपराध से जुडा है। या तो वे ख़ुद ही किसी अपराध मे लिप्त रहे है या उनके छत्रछाया मे अपराधी पल रहे हों।
आज ज़रूरत है हर भारत के सच्चे नागरिक को इन मुखौटा पहने हुए मुस्कुराते हुए नेताओं की असलियत को पहचानने की। आज तो कोई सच्चा नेता चुनाव मे खड़ा ही नही हों पता है. जों सच्चा ईमानदार व्यक्ति अगर नेता बनता भी है तो वो नेता बनते ही सच्चाई और ईमानदारी भूल जाता है. आज हमें चुनना है उनमे से किसी एक को जिसके दामन कम गन्दा हों। जों की एक कठिन कार्य है। पर अगर ऐसा नही किया तो फ़िर वो जीतेगा जिसके हाथ मे हम अपना देश प्रदेश तो क्या अपने घर की कोई ज़िम्मेदारी देना पसंद नही करेंगे।
मित्रों वोट दीजिये तो बहुत सोच समझ कर। मीठी मीठी बातों और किसी लालच मे न फस कर एक साफ़ सुथरी सरकार यदि चाहते है जों प्रदेश और देश की तरक्की करे तो ये कर्तव्य हमें ज़रूर निभाना है। वोट ज़रूर दे और किसी अच्छे को ही चुने वरना ये हमारा ही धन हमसे छीन कर मौज उडाएंगे और आप सिर्फ़ पछतायेंगे और पाँच साल तक हाथ मलते रह जायेंगे...